मेरी एक ही प्रार्थना है उन लोगों से जो मुझे प्रेम करते हैं,कि उनके प्रेम का एक ही सबूत होगा, कि वे मुझे क्षमा कर दें और मुझे सदा के लिए भूल जाएँ। भूल जाएँ मेरा नाम, भूल जाएँ मेरा पता, अपनी याद करें। हाँ, अगर कोई सत्य मुझसे प्रकट हुआ हो, तो सत्य को पी लें -- जी भर कर पी लें। लेकिन वह सत्य मेरा नहीं है। सत्य किसी का भी नहीं है। सत्य तो बस अपना है।उस पर कोई लेबल नहीं है, कोई विशेषण नहीं है। मै अपने पीछे कोई धर्म नहीं छोड़ जाना चाहता हूँ।
-ओशो